हेल्थ/लाइफस्टाइल डेस्क। सर्दियों के मौसम में खांसी और जुकाम के कारण अक्सर शरीर थका हुआ महसूस करता है और पूरे दिन की एनर्जी खत्म हो जाती है. नाक बहना, गले में खराश और हल्की बुखार जैसी तकलीफें आम होती हैं. आयुर्वेद के अनुसार सर्दी और खांसी मुख्य रूप से कफ दोष बढ़ने की वजह से होती है हम आपको 5 ऐसे आयुर्वेदिक काढ़े के बारे में बता रहे हैं, जो आपको पूरी ठंड सेहतमंद रहने में मदद करेंगे….
अदरक-तुलसी का काढ़ा: अदरक शरीर की जकड़न को कम करता है और सूजन घटाता है और तुलसी इम्युनिटी बढ़ाती है। इसके लिए एक इंच अदरक के टुकड़े और 10-12 तुलसी की पत्तियां दो कप पानी में उबालें। स्वाद के लिए शहद डाल सकते हैं. इसे दिन में 1-2 बार पीना काफी है।
काली मिर्च-लौंग-दालचीनी काढ़ा: काली मिर्च-लौंग-दालचीनी का काढ़ा यह बहुत गर्म तासीर वाला होता है, जो कफ को पिघलाकर बाहर निकालता है। काली मिर्च वायरस की एक्टिविटी घटाती है, लौंग गले के दर्द में राहत देती है और दालचीनी शरीर को गर्म रखती है।
गिलोय-अदरक काढ़ा: गिलोय आयुर्वेद में अमृत माना जाता है और अदरक के साथ लेने से संक्रमण जल्दी घटता है। वहीं अदरक शरीर की जकड़न को कम करता है और सूजन घटाता है और तुलसी इम्युनिटी बढ़ाती है।
मुलेठी-तुलसी काढ़ा: मुलेठी गले की जलन मिटाती है और तुलसी प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाती है. हालांकि ध्यान रखें कि बहुत गर्म तासीर वाले काढ़े ज्यादा मात्रा में न लें। काढ़े दवा का विकल्प नहीं हैं, लेकिन राहत देने और इम्यूनिटी बढ़ाने में बहुत मदद करते हैं।
(नोट- यह खबर पाठकों को सिर्फ जागरूक करने के उद्देश्य से लिखी गई है। किसी भी चीज के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।)
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