राजमुंद्री /मारेडुमिली। आंध्र प्रदेश छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर मंगलवार सुबह हुई मुठभेड़ में एक करोड़ का इनामी खूंखार नक्सली नेता हिड़मा मारा गया। उसकी पत्नी और 50 लाख इनामी राजे उर्फ रजक्का को भी ढेर कर दिया गया है।
आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हरीश कुमार गुप्ता ने बताया कि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती इलाकों में माओवादियों की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबल ने मंगलवार सुबह छह बजे से इलाके में तलाशी अभियान चलाया था। इसके चलते उत्तर आंध्र में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि मारेडुमिली वन क्षेत्र में माओवादियों ने सुरक्षाबल को देखकर फायरिंग कर दी। इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने जवाबी फायरिंग की। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने छह माओवादियों को ढेर कर दिया। मारे गए लोगों की पहचान
मोस्ट वांटेड माओवादी नेता और केंद्रीय समिति के सदस्य माड़वी हिड़मा, उसकी पत्नी राजक्का के अलावा उसके साथी मल्ला, देवे, चेल्लूरी नारायण उर्फ सुरेश और टेक शंकर के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि हिड़मा पर एक करोड़ और उसकी पत्नी राजक्का पर पचास लाख रुपये का इनाम था।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुरवती गांव में जन्मे माड़वी हिड़मा बस्तर क्षेत्र में कम उम्र में ही माओवादी केंद्रीय समिति के सदस्य बन गया था। उसे गुरिल्ला हमलों के रणनीतिकार के रूप में जाना जाता था। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के कमांडर और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य भी रहा है। हिडमा 26 हमलों के मामले में मुख्य आरोपित था। वह हिंदी, गोंडी, तेलुगु, कोया और बंगाली भाषा में पारंगत था। (हि.स.)
किन-किन बड़े हमलों के पीछे था हिड़मा?
2010 दंतेवाड़ा हमला: 76 CRPF जवान शहीद
2013 झीरम घाटी नरसंहार: 27 लोग मारे गए, जिनमें कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल
2021 सुकमा–बीजापुर हमला: 22 सुरक्षाबलों के जवान शहीद
कौन है खूंखार नक्सली माड़वी हिड़मा?
बस्तर में नक्सल आतंक का पर्याय बन चुके खूंखार नक्सली माड़वी हिड़मा को संतोष उर्फ इंदमुल उर्फ पोडियाम भीमा जैसे कई और नामों से भी जाना जाता है। सुकमा उसका गढ़ माना जाता है। यहां पर होने वाली सभी नक्सल गतिविधियों पर उसका नियंत्रण रहता है। वह वर्ष 1990 में नक्सलियों के संगठन से जुड़ा। पिछले कई साल से सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी थी। छत्तीसगढ़ में कई नक्सली हमलों को अंजाम देने वाले इस दुर्दांत नक्सली का जन्म सुकमा जिले के पूवर्ती गांव में हुआ था। यह गांव दुर्गम पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच स्थित है। कहा जाता है कि इस गांव में पहुंचना मुश्किल है। इसके बाद भी फोर्स के हौसले को सलाम है, जो कठिन डगर के बावजूद उसके गढ़ में पहुंची।
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