
नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) अल्पसंख्यक दर्जा पाने की हकदार है। सुप्रीम कोर्ट में CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 7 जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने संविधान के आर्टिकल 30 का हवाला देते हुए कहा कि धार्मिक समुदाय को शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और उसे चलाने का अधिकार है।
हालांकि AMU के पास अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा बरकरार रहेगा या नहीं, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच करेगी। इसकी सुनवाई अलग से होगी। 2005 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने AMU को अल्पसंख्यक संस्थान मानने से इनकार कर दिया था। AMU ने इसके खिलाफ SC में अर्जी दी थी।
उल्लेखनीय है कि 12 फरवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सात जजों की संविधान बेंच को रेफर कर दिया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश दिया था। 2019 में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दिया था कि एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा नहीं दिया जा सकता।
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