
धर्म डेस्क। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला करवा चौथ ( Karva Chauth 2025) पर्व सुहागिनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार माना जाता है. इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. रात को चंद्रमा के दर्शन होने और पूजा करने के बाद ही व्रत खोलती हैं.
आज 10 अक्टूबर 2025 को देशभर में करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है. शाम में करवा चौथ की पूजा-पाठ करने के बाद सभी को आसमान में चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार रहेगा. लेकिन चांद निकलने से पहले जान लें कि चंद्रमा की पूजा के लिए किन चीजों की आवश्यकता होगी और किन बातों का विशेष ध्यान रखेना होगा.
चंद्रमा पूजा का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ का व्रत तब तक पूर्ण नहीं माना जाता जब तक चंद्रोदय न हो. इस साल 2025 में चंद्रमा की पूजा रात्रि में चंद्रमा के उदित होने के बाद किया जाएगा. आज चांद निकलने का समय रात 08 बजकर 13 मिनट रहेगा. हालांकि शहर के अनुसार इसमें कुछ मिनट का अंतर भी हो सकता है. चंद्रमा की पूजा के लिए सबसे उत्तम समय चांद दिखने के तुरंत बाद से लेकर अगले 15 मिनट तक का माना जाता है.
चंद्र पूजा की विधि
-सबसे पहले थाली तैयार करें. थाली में छलनी (छन्नी), पानी का लोटा, करवा, मिठाई, फल, रोली, चावल, फूल और दीपक रखें.
-जब चंद्रोदय हो तो सबसे पहले छलनी से चंद्रमा को देखें. इसके बाद उसी छलनी से अपने पति का चेहरा देखें.
-चंद्रमा को जल से अर्घ्य दें. अर्घ्य देते समय हाथ में चावल और फूल ज़रूर रखें. यह अर्घ्य पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए समर्पित होता है.
-चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों से जल पीकर और मिठाई खाकर अपना व्रत खोलें और पति के पैर छूकर आशीर्वाद लें.
ये गलतियां न करें
-चंद्रमा को बिना अर्घ्य दिए भूलकर भी करवा चौथ का व्रत नहीं खोलना चाहिए.
-व्रत के दौरान सात्विकता का पूरी तरह के पालन करें.
-इस बात का ध्यान रखें कि करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा के दौरान काला या सफेद रंग के कपड़े न पहनें.
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