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धर्म डेस्क। Pitru Paksha 2024 : पितृपक्ष (Shradh paksha) किए गए श्राद्ध से पितरों का ऋण उतरता है और पितरों (Pitra) की आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। इस बार 17 सितंबर 2024 से दो अक्टूबर 2024 तक पितृपक्ष रहेगा।। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करने की प्रथा है।

पितृ पक्ष की तिथियां

17 सितंबर - पूर्णिमा का श्राद्ध

18 सितंबर - प्रतिपदा का श्राद्ध

19 सितंबर - द्वितीय का श्राद्ध

20 सितंबर - तृतीया का श्राद्ध

21 सितंबर - चतुर्थी का श्राद्ध

21 सितंबर - महा भरणी श्राद्ध

22 सितंबर - पंचमी का श्राद्ध

23 सितंबर - षष्ठी का श्राद्ध

23 सितंबर - सप्तमी का श्राद्ध

24 सितंबर - अष्टमी का श्राद्ध

25 सितंबर - नवमी का श्राद्ध

26 सितंबर - दशमी का श्राद्ध

27 सितंबर - एकादशी का श्राद्ध

29 सितंबर - द्वादशी का श्राद्ध

29 सितंबर - माघ श्रद्धा

30 सितंबर - त्रयोदशी श्राद्ध

1 अक्टूबर - चतुर्दशी का श्राद्ध

2 अक्टूबर - सर्वपितृ अमावस्या

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तिल दान का लाभ

शास्त्रों में तिल को पितरों का भोजन बताया गया है। इसी वजह से तर्पण के दौरान और पितरों के लिए बनाए जाने वाले भोजन में तिल डाले जाते हैं।

ऐसे करें तिल का दान

-तिल का दान किया जाए तो इससे पितर प्रसन्न होते हैं। अगर आपके पितर नाराज हैं तो आप तिल का दान करके उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं।

-इसके अलावा पितृ पक्ष के दौरान तिल का दान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है। पिता शांत हो जाते हैं और परिवार की रक्षा करते हैं।

-यदि पितरों के क्रोध या नाराजगी के कारण पितृ दोष उत्पन्न हुआ हो तो श्राद्ध के 16 दिनों तक लगातार तिल का दान करने से दोष दूर हो जाता है।

-पितृ पक्ष के दौरान मुख्य रूप से काले तिल का दान करना चाहिए। सफेद तिल का दान करना भी शुभ होता है, लेकिन काले तिल को सर्वोत्तम माना जाता है।

पितृपक्ष के दौरान काले तिल का दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही प्रेत लोक में भटक रहे पितरों को मोक्ष मिलता है।
 


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