
नई दिल्ली। पंजाब में भाजपा (BJP) अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। इसका ऐलान करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि लोगों की राय के बाद यह फैसला लिया गया है। वर्करों और नेताओं की भी यही राय है। पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें हैं।
पंजाब के भविष्य, जवानी-किसानी और व्यापारियों एवं पिछड़े वर्ग की बेहतरी के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में किसानों की फसल का एक-एक दाना उठाया गया है। करतारपुर कॉरिडोर की सदियों की मांग पीएम मोदी ने पूरी की।
बता दें कि पहले पंजाब में अकाली दल से भाजपा के दोबारा गठजोड़ की चर्चा थी। भाजपा के सीनियर नेता भी इसके पक्ष में थे। इसके बावजूद यह बातचीत बन नहीं पाई।
अकाली दल और बीजेपी में दोबारा गठबंधन न होने की मुख्य वजह किसान आंदोलन और बंदी सिखों की रिहाई का मामला है। अकाली दल इन मुद्दों के सहारे अपनी जमीन पंजाब में दोबारा तलाश रहा है। वह अगर इन मुद्दों से पीछे हटता है तो किसान और पंथक वोट का उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में उसकी तरफ से यह राह चुनी गई। हालांकि जानकारों की माने तो इससे अकाली दल को कोई नुकसान नहीं है।
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