
नई दिल्ली। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) केंद्र सरकार के निर्देश पर जल्दी ही 9 कैरेट सोने से बने आभूषणों की हॉलमार्किंग को भी अनिवार्य करने जा रहा है। सोने की कीमत में आई तेजी के कारण पिछले कुछ अरसे से देश में 9 कैरेट सोने से बने आभूषणों की मांग में भी काफी तेजी आई है। ऐसी स्थिति में इस सोने की शुद्धता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। इसी वजह से केंद्र सरकार ने 9 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी पर हॉल मार्किंग को अनिवार्य करने का फैसला लिया है।
भारतीय मानक ब्यूरो ने 9 कैरेट गोल्ड से बने आभूषणों की हॉलमार्किंग के लिए मार्केट के सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में 9 कैरेट सोने से बने आभूषणों की शुद्धता की जांच कर ग्राहकों को उसका सर्टिफिकेट दिया जाएगा। फिलहाल देश में 24 कैरेट, 23 कैरेट, 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट सोने से बनी ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग करना अनिवार्य है। 2022 से ही हॉलमार्किंग का ये नियम पूरे देश में लागू कर दिया गया है।
जानकारों का कहना है कि सोने की कीमत में आई तेजी की वजह से इन दिनों 9 कैरेट से लेकर 14 कैरेट और 18 कैरेट सोने से बनी ज्वेलरी की मांग भी काफी ज्यादा बढ़ गई है। जबकि कुछ समय पहले तक सोने की ज्वेलरी के लिए 22 कैरेट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था। इसकी वजह सोने की कीमत के बड़ा अंतर को भी माना जा रहा है।
फिलहाल 24 कैरेट सोना घरेलू सर्राफा बाजार में 73 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 67 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है, जबकि 9 कैरेट सोने की कीमत 25 हजार रुपये के आसपास है। यही कारण है कि इन दिनों आभूषण की खरीद में कम शुद्धता वाले सोने की मांग ज्यादा बढ़ गई है। मांग में बढ़ोतरी होने से अब इनकी शुद्धता पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने भारतीय मानक ब्यूरो को 9 कैरेट से बने आभूषण की भी हॉलमार्किंग करने का निर्देश दिया है, ताकि ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी न हो।
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