
लखनऊ। बारिश का मौसम शुरू होते ही अनेक प्रकार की बीमारियों की भी शुरुआत हो जाती है| जिसमें एक है डायरिया जो पेट में संक्रमण के कारण होता है| अमूमन दस्त लगना एक आम बात है, लेकिन यदि स्थिति गंभीर है तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, विशेष रूप से बच्चों में| क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता वयस्कों की अपेक्षा कम होती है| यदि दस्त संक्रमण के कारण होता है तो बच्चे में मतली, उल्टी, वजन कम होना, बुखार और खाने की इच्छा न होने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता बताते हैं कि बारिश के दिनों में आस-पास पानी जमने से वायरल, बैक्टीरियल और पैरासिटिक इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में किसी को भी डायरिया हो सकता है। यह दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है। इस मौसम में रोगाणु अधिक आसानी से और तेजी से बढ़ते हैं। बच्चों में इसका एक कारण रोटावायरस भी होता है। यह विषाणु बच्चों की अंतडियों को संक्रमित कर आंत की अंदरूनी परत को क्षतिग्रस्त कर देता है जिससे बच्चे बार-बार मल त्यागते हैं और उल्टी भी करते हैं। इसके लिए जरुरी है कि बच्चों को समय पर रोटावायरस से बचाव का टीका लगवा देना चाहिए|
डायरिया संक्रमण में सबसे बड़ी समस्या निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) है। ऐसा तब होता है जब दस्त या उल्टी की वजह से बॉडी से तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स ख़त्म हो जाते हैं, और इसके संतुलन के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन नही किया जाता| बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या ख़तरनाक हो सकती है|
बच्चों को समय से लगवाएं रोटावायरस का टीका
डायरिया से शिशु को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए रोटावायरस की वैक्सीन की दो खुराक की ज़रूरत होती है। पहली खुराक बच्चे के 15 सप्ताह का होने से पहले तथा दूसरी खुराक 25 सप्ताह का होने से पहले दी जानी जाती है| प्रदेश में वर्ष 2023-24 में 56,20,986 लगभग 98 प्रतिशत बच्चों को रोटावायरस 1 का टीका लगाया गया, वहीँ इस वर्ष जुलाई तक 17,56,789 लगभग 91 प्रतिशत बच्चों को रोटा वायरस 1 का टीका लग चुका है|
डिहाइड्रेशन के लक्षण
• बार बार प्यास लगना |
• पेशाब की कमी या गहरे रंग का पेशाब आना।
• मल की कमी या कठोर, सूखा मल ।
• कमज़ोरी या अस्वस्थता|
• धंसी हुई आंखें।
• बिना आँसू के रोना|
• निर्जलीकरण सिरदर्द| .
• सूखे होठ और जीभ
बचाव के तरीके
-खाना ताजा, गर्म और अच्छी तरह पका हो
-एंटी बैक्टीरियल दवाएं समय पर लेनी चाहिए
-दूषित जगहों पर जाने से बचें और बाहर का खाना खाने से बचें
-अगर बीमार पड़ते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
-शरीर के अंगों को देर तक पानी में ना रखें
-कोशिश करें कि आपके कपड़े सूखे रहें
-इम्यूनिटी बढ़ाने वाली डाइट लेते रहें
-डायरिया के मरीज को समय समय पर ओआरएस का घोल देते रहना चाहिए
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