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नई दिल्ली। अगली आप भी ओला (Ola), ऊबर (Uber) और रैपिडो (Rapido) जैसी कैब बुक कर उससे सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरुरी। केंद्र सरकार ने कैब एग्रीगेटर कंपनियों को पीक आवर्स (सबसे व्यस्त समय) के दौरान दोगुना किराया वसूलने की इजाजत दे दी है।

क्या है नया नियम

दरअसल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने कैब एग्रीगेटर्स के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं। इन नियमों के तहत, अब कैब कंपनियां व्यस्त समय (जैसे सुबह-शाम ऑफिस का समय, त्योहार, या अचानक बढ़ी डिमांड) में सामान्य किराए से अधिकतम दोगुना (2X) तक किराया वसूल कर सकेंगी। इसे आसान भाषा में ‘सर्ज प्राइसिंग’ (Surge Pricing) कहते हैं।

क्या है सर्ज प्राइसिंग
यह एक ऐसा सिस्टम है जहां मांग बढ़ने पर किराए में अस्थायी बढ़ोतरी कर दी जाती है। मान लीजिए, सामान्य समय में आपकी राइड का किराया 100 रुपये है। लेकिन अगर आप पीक आवर में कैब बुक करते हैं और डिमांड बहुत ज्यादा है, तो कैब कंपनी आपसे 200 रुपये तक चार्ज कर सकती है।

यात्रियों पर क्या असर पड़ेगा

1-जहां एक तरफ यह नियम ड्राइवरों के लिए अच्छी खबर है, वहीं दूसरी तरफ यात्रियों की जेब पर इसका सीधा असर पड़ेगा। अब आपको अपनी राइड के लिए पीक आवर्स में ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। हालांकि, इसका फायदा यह होगा कि आपको कैब मिलने की संभावना बढ़ जाएगी और रद्द होने की दर भी कम हो सकती है।

2-पहले भी सर्ज प्राइसिंग होती थी, लेकिन अक्सर उसकी कोई तय सीमा नहीं होती थी या उस पर सवाल उठते थे। अब सरकार ने इसे एक सीमा में बांध दिया है, ताकि मनमानी न हो और ग्राहकों को पता रहे कि अधिकतम कितना चार्ज किया जा सकता है।

3-अगर आप किसी खास वक्त पर कैब बुक कर रहे हैं, तो दो गुने किराए के लिए तैयार रहें। हालांकि, इससे आपको कैब मिलने में आसानी होगी और वेटिंग टाइम कम हो सकता है। (एजेंसी)


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