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प्रयागराज। मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को हेट स्पीच केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।  हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन ने मऊ की MP/MLA कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें अब्बास को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल होगी।

मामला 2022 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। अब्बास सुभासपा के टिकट पर मऊ से चुनाव लड़ रहे थे। एक जनसभा में अब्बास ने कहा था- सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वहीं रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर होगा। उस वक्त सुभासपा और सपा का गठबंधन था।

इसके बाद शहर कोतवाली में हेट स्पीच की FIR दर्ज हुई थी। 31 मई को मऊ की MP/MLA कोर्ट ने अब्बास को इस मामले में 2 साल की सजा सुनाई। कोर्ट का आदेश जारी होने के 24 घंटे के भीतर फाइल मऊ से लखनऊ पहुंची। फिर रविवार, (एक जून) को छुट्‌टी के दिन विधानसभा सचिवालय खोलकर उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई और सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। हालांकि उपचुनाव का ऐलान नहीं हुआ था।

अब्बास के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने बताया- 17 जुलाई को सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हमारी मांगों को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और सजा पर रोक लगा दी। मामले में कुल 5 सुनवाई हुईं। 13 अगस्त को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

उन्होंने कहा, हमने दलील दी थी कि भाषण के कंटेंट पर किसी भी तरह का आपराधिक केस नहीं बनता। जिन धाराओं में सजा हुई, वे उचित नहीं थीं। यह अधिकतम आचार संहिता के उल्लंघन का मामला हो सकता था, जिसे अनावश्यक रूप से क्रिमिनल केस में बदल दिया गया।

 


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