दुनिया
अमेरिका में समुद्री तूफान ‘माइकल’ से भारी तबाही, 6 लोगों की मौत, 6000 लोगों ने ली शेल्टर में पनाह
फ्लोरिडा। अमेरिका के फ्लोरिडा प्रांत में आए समुद्री तूफान से भारी क्षति हुई है। इस तूफान में अब तक छह लोगों के मरने की पुष्टि हो गई है। इनमें चार मौत फ्लोरिडा, एक मौत जॉर्जिया और एक मौत नॉर्थ कैरोलीना में हुई है। अधिकारियों का कहना है कि गैड्सडेन शहर में गिरते पेड़ से दब कर एक व्यक्ति की मौत हुई। जॉर्जिया में धातु की छत एक घर पर गिर गई जिसमें 11 साल की बच्ची की मौत हो गई।
कई लोगों ने अपना सबकुछ खो दिया
विदित हो कि तूफानी हवा ने फ्लोरिडा, अलबामा, कैरोलिनास और जॉर्जिया में 900,000 से अधिक घरों और व्यवसायों को नुकसान पहुंचाया है। खासकर फ्लोरिडा के शेल्टर में लगभग 6000 लोगों ने पनाह ली है। बीबीसी के अनुसार, प्रांतीय गवर्नर रिक स्टॉक ने कहा है कि बुधवार को आए इस तूफ़ान में कई लोगों ने अपना सबकुछ खो दिया है। फ्लोरिडा का उत्तरी-पश्चिम हिस्सा तूफान से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थीं हवाएं
स्थानीय समाचार चैनल फॉक्स न्यूज के मुताबिक, यहां कई घर ढह गए हैं। बिजली की लाइन सड़कों पर बिखरी पड़ी हैं। बुधवार को को इस तूफान ने सबसे ज्यादा क्षति हुई, उस दिन 250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं।
अमरीकी तटरक्षक बल ने रातों-रात 10 मिशन को दिया अंजाम
विदित हो कि 370,000 लोगों को प्रभावित स्थानों से निकलने के आदेश दिए गए थे, लेकिन अधिकारियों का मानना है आम लोगों ने इस चेतावनी को नज़रअंदाज किया। हालांकि सिंपसन पैमाने पर इस तूफान की तीव्रता श्रेणी चार की मापी गई। इसकी चपेट में आने वाले कई मकान नींव सहित उखड़ गए हैं। अमेरिका के डेढ़ सौ साल के इतिहास में माइकल को सबसे खतरनाक तूफान माना जा रहा है। गवर्नर स्कॉट ने कहा कि अमरीकी तटरक्षक बल ने रातों-रात 10 मिशन को अंजाम दिया और कुल 27 लोगों को बचाया।
मैक्सिको बीच सबसे ज़्यादा प्रभावित
संघीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रमुख ब्रोक लॉन्ग ने बताया कि मैक्सिको बीच इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है। इमारतें और बिजली के तार इस शहर में अब मलबों में तब्दील हो गए हैं। फ्लोरिडा का ही 2,300 की आबादी वाला शहर अपालाचिकोला भी इस तूफ़ान से बुरी तरफ़ प्रभावित हुआ है। बिजली के तार सड़कों पर बिखड़े हुए हैं जिससे शहर का मुआयना करने में भी परेशानी हो रही है। इसके अलावा मलबा और जमा हुआ पानी भी इन जगहों के हालात मुश्किल बना रहा है।
पूर्वोत्तर की ओर बढ़ गया तूफान
गवर्नर स्कॉट ने आम लोगों से अपील की है कि वे तबतक शहर में वापस ना लौटें जब तक इस मलबे को हटा कर शहर के हालात ठीक ना कर दिए जाएं। अभी तूफ़ान की रफ्तार 50 मील प्रति घंटा है और यह उष्णकटिबंधीय तूफान में तब्दील हो गया है। अमरीका के राष्ट्रीय तूफ़ान केंद्र के मुताबिक माइकल अब जॉर्जिया को पार करता हुआ पूर्वोत्तर की ओर बढ़ गया है. उम्मीद है कि जल्द ये नॉर्थ कैरोलीना तक पहुंच जाएगा। https://www.kanvkanv.com
दुनिया
देखें वीडियो : ट्रंप ने पाकिस्तान को दिया बहुत बड़ा झटका, बोले-कुछ बड़ा करने जा रहा इंडिया

नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए सीआरपीएफ की बस पर हुए आतंकी हमले को लेकर एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति ने बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि उन्हें लगता है इस मामले में भारत कुछ बड़ा करने की सोच रहा है। इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उसने अमेरिकी मदद का गलत फायदा उठाया है।
ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1.3 बिलियन डॉलर की मदद तत्काल प्रभाव से रोक दी है। ट्रंप ने कहा, मौजूदा हालात में हम पाकिस्तान के साथ कुछ बैठकें आयोजित करने की तैयारी में हैं। दूसरे राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में पाकिस्तान को अमेरिका से काफी लाभ मिला है। हम पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर सालाना मुहैया कराते थे। मैंने यह भुगतान रोक दिया क्योंकि वे हमारी उस तरह से मदद नहीं कर रहे थे जैसी उन्हें करनी चाहिए।’
भारत-पाक के बीच बहुत खराब और बेहद खतरनाक हालात
वाशिंगटन स्थित ओवल ऑफिस में ट्रंप ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘इस वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत-बहुत खराब हालात हैं। एक बेहद खतरनाक स्थिति। हम यह तनाव की स्थिति जल्द खत्म होते देखना चाहते हैं। बहुत सारे लोगों को मार दिया गया है। हम चाहते हैं कि यह फौरन बंद हो। हम इस प्रक्रिया पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं।
US Pres: India is looking at something very strong. India just lost almost 50 people. A lot of people are talking. But it's a very very delicate balance going on. Right now there's a lot of problem b/w India&Pakistan because of what just happened in Kashmir. It's very dangerous. https://t.co/03PWXSnSlW
— ANI (@ANI) February 23, 2019
#WATCH US Pres says, "I stopped paying Pak the 1.3 billion dollars that we were paying them. We may set up some meetings with Pak. Pak was taking strong advantage over US. We've had, we've developed a better relationship with Pak over the last short period of time than we had." pic.twitter.com/5b05CKDZvT
— ANI (@ANI) February 23, 2019
‘भारत बहुत सख्त कदम की सोच रहा’
अमेरिकी राष्ट्रपति पिछले हफ्ते पुलवामा में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-मोहम्मद ने ली थी। इसके बाद जैश के आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के 5 जवान शहीद हो गए थे। दोनों देशों की सरकारों से बातचीत का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘भारत बहुत सख्त कदम उठाने की सोच रहा है। भारत ने करीब-करीब 50 लोगों को इस हमले में खो दिया है। मैं भी इसे समझ सकता हूं।’
हमले के बाद बढ़ा है तनाव
बता दें कि पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने इसके लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। भारत ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया। इसके अलावा पाकिस्तान से आने वाले सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी को 200 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही अपने हिस्से के पानी पर भी रोकने का फैसल किया है। https://www.kanvkanv.com
दुनिया
पुलवामा पर संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव, चीन ने भी नहीं दिया पाकिस्तान का साथ, पढ़ें बड़ी बातें

जिनेवा/न्यूयार्क/नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अपनी बात रखी। संयुक्त राष्ट्र(यूएन) में पुलवामा आतंकी हमले को लेकर निंदा प्रस्ताव लाया गया।
यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद्(यूएनएससी) में लाया गया, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के पांचों स्थायी सदस्य एवं 10 गैर-स्थायी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। गौर करने वाली बात यह है कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य होने के साथ वीटो अधिकार प्राप्त है, फिर भी चीन ने पुलवामा आतंकी हमले पर आए इस प्रस्ताव को नहीं रोका।
क्या है प्रस्ताव की भाषा
विदेश मंत्रालय में संयुक्त राष्ट्र(यूएन) डेस्क से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यूएन में पुलवामा आतंकी हमले से संबंधित इस प्रस्ताव को भारत अपने मित्र देशों के साथ लाया था। इस प्रस्ताव की भाषा इस तरह रखी गई है कि प्रस्ताव में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और आतंक फैलाने वालों को कटघरे में खड़ा करने के लिए वैश्विक सहयोग मिल सके और इसमें भारत सफल रहा। सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने पुलवामा आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों के साथ-साथ भारतीय लोगों और भारत सरकार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
आतंकवादी कृत्य शांति और सुरक्षा के लिए खतरा
सभी ने पुष्टि की कि अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। साथ ही इस बात को भी रेखांकित किया गया कि आतंकी कृत्यों के आयोजकों, फाइनेंसरों और प्रायोजकों को इसके लिए जिम्मेदार माना जाए और उन्हें कानून के दायरे में खड़ा किया जाए। इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने दुनिया के सभी सदस्य देशों से अपील की है कि वे अपने सामर्थ्य के अनुसार भारत सरकार और इस संबंध में अन्य सभी संबंधित अधिकारियों के साथ सक्रिय सहयोग करें।
परिषद् ने दोहराया कि आतंकवाद का कोई भी कार्य आपराधिक और अन्यायपूर्ण है, चाहे उनकी प्रेरणा कोई भी हो, जब भी और जिस किसी ने भी किया हो, वो अक्षम्य है। संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार भी आतंकवादी कृत्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अंतर्गत भी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। https://www.kanvkanv.com
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पाक को एक और झटका, 200 दिनों में नहीं की कार्रवाई तो ‘ब्लैक लिस्ट’ में डाल देगा FATF, जानें क्या है ये

नयी दिल्ली। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद चौतरफा घिरे पाकिस्तान को शुक्रवार एक और झटका लगा है। पेरिस में हुई फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में भारत ने पाकिस्तान को ‘काली सूची’ में डालने की पहल की थी लेकिन इस संस्था ने इमरान खान की सरकार को आतंकवादी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अक्टूबर तक का समय दिया है। FATF ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि वह आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेने की टाइमलाइन को ना चूके, वरना उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
नहीं उठाया कदम तो ‘काली सूची’ में जाएगा पाक
एफएटीएफ ने कहा है कि पाकिस्तान यदि आतंकियों की वित्तीय मदद रोकने के लिए समुचित एवं पर्याप्त कदम नहीं उठाता है तो उसे ‘काली सूची’ में डाल दिया जाएगा। इस तरह पाकिस्तान को एफएटीएफ से सात महीने करीब 200 दिनों का समय मिल गया है। पाकिस्तान पहले से ही इस संस्था की ‘ग्रे सूची’ में मौजूद है।
‘काली सूची’ गया तो पाक तो आर्थिक मोर्चे पर और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा
‘काली सूची’ में डाल दिए जाने पर पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। विदेशी कारोबारियों और बैंकों को पाकिस्तान में कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा। इसका पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा। ईरान और उत्तर कोरिया पहले से ही एफएटीएफ की काली सूची में हैं। साल 1989 में गठित एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी वैश्विक संस्था है जो टेरर फंडिंग एवं आतंकवादी गतिविधियों में मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ काम करती है।
क्या है एफएटीएफ और क्या है इसका काम, जानें
आपको बता दें कि ये संस्था आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे देशों को आर्थिक मदद मुहैया कराती है। इसके अलावा इस संस्था की तरफ से दी जाने वाली रेटिंग का असर वर्ल्ड बैंक, IMF समेत कई अन्य संस्थाओं पर बढ़ता है। ये संस्थाएं रेटिंग के अनुसार ही किसी देश को कर्ज देती हैं। आपको बता दें कि शुक्रवार को हुई इस बैठक से पहले ही पाकिस्तान ने कुछ आतंकी संगठनों पर बैन लगाया था। जिसमें मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद का जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन समेत कई संगठन शामिल हैं। पाकिस्तान की कोशिश थी कि वह इस प्रकार की कार्रवाई कर ग्रे लिस्ट से बाहर निकल सकेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। http://www.kanvkanv..com
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