लखनऊ। विश्व मलेरिया दिवस आज यानी 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मलेरिया होने पर तमाम तरह के चिकित्सकीय उपचार के जरिए आप स्वस्थ्य हो सकते हैं लेकिन आम जन को मलेरिया के बारे में जागरूक करके कई लोगों को इसकी जद में आने से बचाया जा सकता है। कुल मिलाकर जागरूकता ही इस बीमारी का सबसे बड़ा उपचार है।
लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस
विश्व मलेरिया दिवस लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने की मंशा से मनाया जाता है। अगर लोग मलेरिया को लेकर सजग रहेंगे, उन्हें पता होगा कि इन उपायों को अपनाकर मलेरिया से बचा जा सकता है तो मलेरिया को बढ़ने से रोका जा सकता है। यह कोई छुआछूत का रोग नहीं है, बल्कि मादा मच्छर एनोफिलीज के काटने से फैलता है। यह मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है। ऐसे में जरूरी है कि अपने घर के आसपास या किसी टायर में बरसात का पानी जमा न होने दें। कूलर का पानी नियमित रूप से बदलें। अपने आस-पास सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें। खुद को मच्छरों के प्रकोप से बचाने के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
मलेरिया को लेकर नगर निगम से लेकर ग्राम प्रधान, आशा, संगिनी आदि का सहयोग लेता है। नगर निगम के जरिए फॉगिंग से लेकर एंटीलार्वा का छिड़काव कराया जाता है तो आशा, संगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से लोगों में जन जागरूकता लाने का काम करता है। इसके लिए साल भर लोगों को पंपलैट, बैनर व पोस्टर के जरिए जागरूक किया जाता है। कई बार रैली निकालकर भी लोगों को बीमारी और उसके उपचार के बारे में जागरूक किया जाता है।
मलेरिया के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं-
मलेरिया बुखार भी कई तरह से होता है। जिसमें प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम, सोडियम विवैक्स, प्लाज्मोडियम ओवल मलेरिया और प्लास्मोडियम नोलेसी मलेरिया। इसकेे होने पर ठंड लगकर बुखार आना, भूख न लगना, शरीर में सूजन आना, शरीर के जोड़ों में दर्द होने से लेकर तेज बुखार जैसे गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं। अगर आपको अपने अंदर ऐसा कोई भी लक्षण दिखता है तो नजदीकी सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। अगर वह कोई जांच लिखकर देता है तो उसे भी अवश्य कराएं।
एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को मलेरिया के प्रकोप से बचाने के लिए विभाग साल भर पम्पलैट बांटकर, बैनर लगाकर तो कभी नगर निगम व ग्राम प्रधान की मदद से एंटीलार्वा छिड़काव या फॉगिंग का काम कराता रहता है। लोगों में साफ-सफाई को लेकर अब काफी जागरूकता आई है। यही वजह है कि अब मलेरिया के मरीजों की संख्या में हरसाल गिरावट दर्ज की जा रही है।