गाजियाबाद। वाराणसी में सीरियल ब्लास्ट 2006 मामले में अदालत ने सोमवार को फैसला सुना दिया है। गाजियाबाद की अदालत ने बमकांड के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने संकटमोचन मंदिर में विस्फोट व दशाश्वमेध मार्ग पर बम बरामद होने के मामले में वलीउल्लाह को दोषी माना। इसमें 22 लोगों की जान गई थी। जिला न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने यह फैसला दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब सुनाया। धमाकों के करीब 16 साल बाद यह फैसला आया है।
डीजीसी क्रिमिनल राजेश चंद्र शर्मा के अनुसार, 7 मार्च 2006 को वाराणसी के संकट मोचन मंदिर, कैंट रेलवे स्टेशन और दशाश्वमेध घाट पर बम धमाके हुए थे। इनमें 22 लोग मारे गए थे और करीब 76 लोग घायल हुए थे। 5 अप्रैल 2006 को पुलिस ने इस मामले में प्रयागराज जिले के फूलपुर गांव निवासी वलीउल्लाह को गिरफ्तार किया। हाईकोर्ट के आदेश पर इस केस की सुनवाई वाराणसी से गाजियाबाद कोर्ट में ट्रांसफर हुई थी।
4 जून को गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने वलीउल्लाह को दशाश्वमेध घाट और संकट मोचन मंदिर पर बम धमाका करने, हत्या, हत्या का प्रयास, कानून के खिलाफ काम करने, दहशत फैलाने और विस्फोटक पदार्थ का प्रयोग करने में दोषी करार दिया था। जबकि कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम धमाके में साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था।