नई दिल्ली। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे से नाखुश उनके समर्थकों ने राजधानी कोलंबो में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। इसके बाद उनके विरोधी भी उग्र हो गए। जब राजपक्षे के समर्थकों ने कोलंबो छोड़कर जाने की कोशिशें कीं। उनकी गाड़ियों को जगह-जगह निशाना बनाया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व PM महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार ने पूर्वी श्रीलंका के त्रिनकोमाली नेवल बेस में शरण ली है। उन्हें एक हेलिकॉप्टर के जरिए बेस तक ले जाया गया। वहीं, इस बात की जानकारी मिलने पर बेस के बाहर प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो गई है।
इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हुई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हैं। कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल ने बताया कि इलाज के लिए 217 घायल भर्ती किए गए हैं।
इससे पहले कुरुनेगला शहर में स्थित महिंद्रा राजपक्षे के पैतृक घर को सोमवार शाम प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। इस बीच देश में इमरजेंसी लागू कर दी गई है। पुलिस ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है लेकिन हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है।
श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर अर्जुन रणतुंगा ने देश में आगजनी के लिए श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) को जम्मेदार ठहराया है। रणतुंगा ने कहा कि श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर लोगों को इकट्ठा किया। रणतुंगा ने ये भी कहा कि दंगाइयों को श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना ने ही सांसदों के घर के बाहर इकट्ठा किया। उल्लेखनीय है कि दोपहर से लेकर देर शाम तक श्रीलंका की सत्ताधारी पार्टी के कई सांसदों के घर में आग लगाई जा चुकी है।
इस बीच खबर है कि राजपक्षे परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा अधिकारियों ने राजपक्षे परिवार से मुलाकात की है। दरअसल, टेंपल ट्री स्थित पीएम आवास पर देर शाम दंगाइयों ने घुसने की कोशिश की थी। प्रदर्शनकारियों के समूह को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।