इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिर गई है। ऐसे में विपक्ष एकजुट होकर जल्द ही सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। पाकिस्तान में संयुक्त विपक्ष ने नए प्रधानमंत्री के चेहरे पर अपनी मुहर लगा दी है। विपक्ष ने पीएमएल-एन नेता शहबाज शरीफ को अपना नेता चुना है। खबरों के मुताबिक, उन्होंने नामांकन भी कर दिया है।
शाहबाज शरीफ के पीएम बनने पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ईद के बाद पाकिस्तान लौट सकते हैं। बता दें की इमरान खान की सरकार के खिलाफ शाहबाज शरीफ ने ही मोर्चा खोला था और उनके नेतृत्व में एकजुट विपक्ष एकजुट होकर अविश्वास प्रस्ताव लाया। विपक्ष की ओर से शाहबाज शरीफ को पीएम पद के एकमात्र दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था.वह तीन बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सीएम रह चुके हैं 70 वर्षीय शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। वर्तमान में शाहबाज शरीफ नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता हैं। शाहबाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
1977 में, वह पंजाब प्रांत के पहले मुख्यमंत्री बने। पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में, शाहबाज शरीफ ने लाहौर में कई प्रमुख परियोजनाओं को लागू किया है, जिसमें पाकिस्तान की पहली आधुनिक जन परिवहन प्रणाली भी शामिल है। शाहबाज शरीफ के पाकिस्तानी सेना से अच्छे संबंध हैं। माना जाता है कि भारत के प्रति भी इसका रुझान है।
जानिए शाहबाज शरीफ के राजनीतिक करियर करियर के बारे में
शाहबाज शरीफ का जन्म लाहौर के एक धनी व्यापारी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई भी लाहौर से पूरी की। वहीं पढ़ाई पूरी करने के बाद शाहबाज अपने फैमिली बिजनेस से जुड़ गए और उनके पास एक पाकिस्तानी स्टील कंपनी भी है। शाहबाज ने अपनी राजनीति की शुरुआत पंजाब प्रांत से की थी।
शाहबाज शरीफ 1988 में पंजाब विधानसभा और 1990 में नेशनल असेंबली के लिए चुने गए थे। तीन साल बाद, शाहबाज पंजाब विधानसभा के लिए फिर से चुने गए और विपक्ष के नेता बने। 1999 में सैन्य तख्तापलट के बाद शाहबाज शरीफ अपने परिवार के साथ सऊदी अरब भाग गए । 2007 में, शाहबाज शरीफ पाकिस्तान लौट आए और पाकिस्तानी राजनीति को फिर से शुरू किया।
प्रांतीय राजनेता शाहबाज शरीफ ने 2017 में राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया। दरअसल, इस साल नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स मामले में दोषी ठहराया गया था। शाहबाज को तब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी का प्रमुख बनाया गया था। दोनों भाई भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे हैं, लेकिन शाहबाज को अब तक किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है।