देहरादून। आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 की रिपोर्ट में प्रति व्यक्ति आय में करीब आठ फीसदी इजाफा हुआ है। शुक्रवार को विधानसभा बजट सत्र में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 की रिपोर्ट सदन में रखी।
उत्तराखंड विधानसभ में शुक्रवार को विपक्ष के हंगामे के बीच सत्ता पक्ष ने विभागवार बजट पर चर्चा की। सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या अधिक होने के चलते विभागवार बजट ध्वनिमत से पास हुआ।
विधानसभा बजट सत्र में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 की रिपोर्ट सदन के पटल रखी। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था कृषि, बागवानी, पशुपालन, वन, खनन, विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, होटल व रेस्टोरेंट तथा अन्य क्षेत्रों पर निर्भर है। रिपोर्ट की मानें तो उत्तराखंड में विकास दर में भी सुधार दर्ज किया गया है। उत्तराखंड की विकास दर 6.13 प्रतिशत आंकी गई है, जबकि साल 2020-21 में 4.42 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई थी। लेकिन, राष्ट्रीय स्तर से उत्तराखंड की विकास दर अभी भी काफी कम है। रिपोर्ट की मानें तो पिछले साल 2020-21 में राज्य की प्रति व्यक्ति 1, 82,696 आय आंकी गई, जो करीब आठ फीसदी इजाफा के साथ वर्ष 2021-22 में बढ़कर 1,96, 282 पहुंच गई है।
सरकार ने विभागवार बजट पास किया, जिसमें जलापूर्ति आवास एवं नगर विकास विभाग का 2110 करोड़ 25 लाख 53 हजार रुपये का बजट पास हुआ। इसी प्रकार कृषि विभाग का 1206 करोड़ 19 लाख 93 हजार, परिवहन विभाग का 337 करोड़ 4 लाख 95 हजार, समाज कल्याण विभाग का 2022 करोड़ 65 लाख 78 हजार, पशुपालन विभाग का 531 करोड़ 66 लाख 61 हजार, श्रम एवं रोजगार विभाग का 605 करोड़ 31 लाख 88 हजार, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का 534 करोड़ 32 लाख 54 हजार, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग का 2804 करोड़ 19 लाख 76 हजार, संसदीय कार्य विभाग का 94 करोड़ 28 लाख 63 हजार, पुलिस एवं जेल विभाग का 2423 करोड़ 55 लाख 4 हजार, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का 3994 करोड़ 16 लाख 38 हजार, ग्रामीण विकास विभाग का 3699 करोड़ 13 लाख 37 हजार, लोक निर्माण विभाग का 2338 करोड़ 86 लाख 50 हजार का बजट पास किया गया।
उत्तराखंड सरकार की कमाई का कुल प्रतिशत में से 19 प्रतिशत हिस्सेदारी आबकारी विभाग की है। इस साल शराब से 3260 करोड़ का राजस्व कमाया है। अल्मोड़ा में गरीबी राष्ट्रीय औसत से अधिक है। अल्मोड़ा की 25.65 प्रतिशत आबादी बहुआयामी गरीब की श्रेणी में आई है। उत्तराखंड की करीब 17 प्रतिशत आबादी गरीब है। शिक्षा के बाद सर्वाधिक खर्च प्रशासनिक सेवाओं पर हुआ है। सरकार की ओर से 22 प्रतिशत खर्च प्रशासनिक सेवाओं पर किया गया है।