नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है। इन दिनों कोरोना के दैनिक मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में केंद्र सरकार ने कोरोना के मामलों पर काबू पाने के लिए बूस्टर डोज लगाई जा रही है। राहत की बात यह है कि 15 जुलाई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का बूस्टर डोज मुफ्त में लगाई जाएगी। ये सुविधा सिर्फ 75 दिनों के लिए होगी। कैबिनेट ने मुफ्त बूस्टर डोज लगाने का फैसला किया है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी। इससे पहले सिर्फ सीनियर सिटीजन और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए ही कोरोना का बूस्टर डोज मुफ्त था।
इसके तहत पहले लगीं दो वैक्सीन डोज की तरह ही लोग सरकारी केंद्रों में जाकर बूस्टर डोज लगवा सकेंगे। बता दें कि कोरोना संक्रमण की दर में बीते कुछ वक्त से इजाफा देखने को मिल रहा है और इसी के चलते सरकार ने लोगों से बूस्टर डोज लगवाने की अपील की है। हालांकि एक वर्ग की मांग थी कि पहले की दो खुराकों की तरह ही बूस्टर डोज भी मुफ्त में मुहैया कराई जानी चाहिए।
इसी बीच सरकार ने अब इस टीके को भी मुफ्त में ही दिए जाने का फैसला लिया है। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 75 दिनों का यह विशेष अभियान चलाया जाएगा। अब तक 18 से 59 साल की आयु के 77 करोड़ लोगों में से सिर्फ एक फीसदी लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाई है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुफ्त टीकाकरण की पहल से इस आंकड़े में बड़ा इजाफा होगा और लोग सरकारी केंद्रों पर जाकर बचाव के लिए बूस्टर डोज लेंगे।
6 महीने तक रहता है शुरुआती दो डोज का असर
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अब तक 60 साल या उससे अधिक आयु के लोगों और फ्रंटलाइन वर्कर्स में से 26 फीसदी ने बूस्टर डोज लगवा ली है। एक अधिकारी ने कहा कि बीते 9 महीनों में देश के ज्यादातर लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई है। आईसीएमआर और अन्य वैश्विक संस्थाओं की स्टडी के मुताबिक दो डोजों से जो प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है, उसका असर 6 महीने तक बना रहता है। लेकिन उसके बाद एक बार फिर से बूस्टर डोज की आवश्यकता होती है।’ इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि 18 से 59 साल की आयु के लोगों को मुफ्त में बूस्टर डोज की सुविधा मुहैया कराई जा सके।