हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में अब सरकारी या निजी स्कूलों में अध्यापक मोबाईल लेकर नहीं जा सकते है। बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि कक्षा में अध्यापक मोबाईल लेकर नहीं जा सकेंगे। अगर टीचर मोबाइल लेकर स्कूल जाते हैं तो उन्हें प्रिंसिपल ऑफिस में अपना मोबाइल जमा कराना होगा। स्कूल खत्म होने के बाद वो अपने फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडे ने चेतावनी दी है कि अगर कोई अध्यापक कक्षा में मोबाइल चलाता हुआ पाया जाता है तो अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों पर लागू होता है नियम
जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने कहा है कि ये आदेश हरिद्वार के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों पर लागू होता है। आदेश के मुताबिक क्लासरूम में जाने से पहले अध्यापक को प्रिंसिपल ऑफिस में अपना मोबाइल फोन जमा कराना होगा। हरिद्वार डीएम ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा कि हमें काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि टीचर क्लासरूम में अपने मोबाइल फोन में व्यस्त रहते हैं।
पकडे जाने पर होगी सख्त कार्रवाई
हमने पाया है कि अध्यापक मोबाइल फोन में या तो गेम खेल रहे होते हैं या फिर किसी से चैट कर रहे होते हैं। हमे इस बारे में छात्रों और अभिभावकों से लगातार शिकायतें मिल रही थी। हमने इन शिकायतों के आधार पर जांच टीम को भी भेजा और उनके इनपुट्स के आधार पर आदेश जारी किया है। टीचर्स स्कूल में मोबाइल फोन ले जा सकते हैं लेकिन क्लासरूम में मोबाइल फोन ले जाना मना होगा।
प्रिंसिपल की अनुमति से ले जा सकते है फोन
हालांकि ऑर्डर में ये भी कहा गया है कि अगर किसी के घर कोई मेडिकल इमरजेंसी है तो प्रिंसिपल की अनुमति से अध्यापक कक्षा में अपने साथ मोबाइल फोन रख सकते हैं। जिलाधिकारी हरिद्वार ने कहा कि ये प्रिंसिपल की जिम्मेदारी होगी कि वो सुनिश्चित करें कि टीचर कक्षा में मोबाइल फोन लेकर ना जाएं। उन्होने ये भी कहा कि अगर हमारे औचक निरीक्षण में टीचर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पाए जाते हैं तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। यही नहीं, प्रिंसिपल को भी इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। ये आदेश जिले के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल पर लागू होगा।