मुंबई। IPL 2022- राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच शुक्रवार को खेले गए मैच के दौरान हुए नो बॉल विवाद ने बड़ा तूल पकड़ लिया है। इस मामले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई और आईपीएल आयोजकों ने दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत और गेंदबाज शार्दुल ठाकुर और असिस्टेंट कोच प्रवीण आमरे पर जुर्माना लगाया है। आमरे पर एक मैच का बैन भी लगा दिया गया है।
दिल्ली की टीम के कप्तान ऋषभ पंत पर मैच फीस का 100 फीसदी फाइन लगा है, क्योंकि उन्होंने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच में आईपीएल की आचार संहिता का उल्लंघन किया। पंत ने आईपीएल के कोड ऑफ कंडक्ट के तहत आर्टिकल 2.7 के लेवल 2 को तोड़ने के आरोप को स्वीकार कर लिया है।
दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाज शार्दुल ठाकुर पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगा है। उन्होंने भी इस मैच में ऋषभ पंत का साथ दिया था और उनको आर्टिकल 2.8 के लेवल 2 को तोड़ने का दोषी पाया गया। ठाकुर ने भी अपनी सजा को स्वीकार कर लिया है।
वहीं, दिल्ली कैपिटल्स के असिस्टेंट कोच पर मैच फीस का 100 फीसदी जुर्माना आईपीएल की आचार संहिता को तोड़ने का लगा है। इतना ही नहीं, प्रवीण आमरे पर एक मैच का बैन भी लगाया गया है। प्रवीण आमरे मैच को रोकने के लिए मैदान पर घुसे थे। उन्होंने आर्टिकल 2.2 के लेवल 2 के आरोप को स्वीकार करते हुए सजा को भी माना है।
क्या है मामला
शुक्रवार को आईपीएल 2022 का 34वां मैच राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। मैच के 20वें ओवर में दिल्ली को मैच जीतने के लिए 6 गेदों पर 36 रनों की जरुरत थी
रॉवमैन पावेल ने ओबेड मकॉय के इस ओवर की पहली तीन गेंदों पर तीन छक्के जमा दिए। सारा विवाद तीसरी गेंद को लेकर हुआ। पावेल ने जब गेंद को हिट किया तब वह कमर से ऊपर दिखाई दे रही थी। इस तरह नियम के तहत, उसे नो-बॉल दिया जाना चाहिए था। अंपायर ने ऐसा नहीं किया और न ही मामले को थर्ड अंपायर को रेफर किया।
ग्राउंड अंपायर्स नितिन मेनन और निखिल पटवर्धन का मानना था कि गेंद नो बॉल नहीं थी। दिल्ली के डगआउट में मौजूद कप्तान पंत और सहायक कोच प्रवीण आमरे का मानना था कि गेंद कमर से ऊपर थी और उसे नो-बॉल दिया जाना चाहिए। अंपायर के फैसले से नाराज पंत ने अपने बल्लेबाजों को ग्राउंड से वापस आने को कह दिया। बल्लेबाज वापस भी आने लगे थे। इसके बाद कोच आमरे अंपायर के पास गए, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। वे चाह रहे थे कि अंपायर कम से कम मामले को थर्ड अंपायर के पास रेफर करें। इसी मामले पर ऋषभ पंत,शार्दुल ठाकुर और प्रवीण आमरे पर कार्रवाई की गई ।