नई दिल्ली। भारतीय मुद्र रुपया 19 जुलाई, मंगलवार को पहली बार 80 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक गिर गया। यह रुपये का सार्वकालिक निचला स्तर है। इससे पहले सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 79.9 पर बंद हुआ था।
पिछले कुछ दिनों से रुपये में जैसी लगातार गिरावट देखी जा रही थी, उसके बाद यह आशंका लगभग विश्वास में बदल गई थी कि रुपया 80 डॉलर के पार पहुंच जाएगा। पिछले सत्र में रुपया 79.97 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था। इसके मुकाबले आज यह 79.98 डॉलर प्रति रुपये के मूल्य पर खुला. हालांकि, इसके तुरंत बाद ही गिरकर 80.05 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक ब्याज दरें बढ़ाएगा
पिछले हफ्ते डॉलर इंडेक्स बढ़कर 109.2 हो गया, जो सितंबर 2022 के बाद सबसे ज्यादा है। इस साल अब तक डॉलर में रुपये के मुकाबले करीब 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने गुरुवार को एक बैठक प्रस्तावित की है। 11 साल में यह पहली बार है जब ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा रही है। यूरोपीय सेंट्रल बैंक की इस बैठक में ब्याज दरें बढ़ेंगी, जिससे डॉलर के मुकाबले यूरो में गिरावट आ सकती है।
रुपये का अवमूल्यन जारी रहेगा
डॉलर इंडेक्स में प्रॉफिट बुकिंग के बावजूद रुपये में गिरावट जारी है। वही कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर से उछाल आया है. लेकिन इस दौरान रुपये की बढ़त सीमित रही। हालांकि, घरेलू शेयर बाजारों में रिकवरी से रुपये को निचले स्तर से थोड़ा उबरने में मदद मिली। जानकारों का मानना है कि इस हफ्ते रुपये में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। संभावना है कि सप्ताह के अंत तक रुपया डॉलर के मुकाबले 80.55 का आंकड़ा पार कर सकता है।
रुपये में गिरावट का क्या होगा असर?
रुपये के कमजोर होने से विदेशों से आने वाला सामान महंगा हो जाएगा। हालांकि, भारतीय निर्यात को फायदा होगा। आपको बता दें कि भारत ही नहीं दुनिया की अधिकांश प्रमुख मुद्राओं में गिरावट आ रही है। यह दुनिया की बाकी मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपये का सबसे कम मूल्यह्रास है।