हेल्थ
लिवर से जुड़ी समस्या को ना करें अनदेखा, हो सकती है बड़ी समस्या
लखनऊ। आज के समय में हेपेटाइटिस एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहा है। इसमें फैटी लिवर के सबसे ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इसका इलाज जरूरी है, इसे नजरअंदाज करना आगे चलकर बड़ी समस्या से गुजरना पड़ सकता है। फैटी लिवर का समय से इलाज नहीं किया गया तो यह लिवर सिरोसिस भी हो सकता है।
रोज कम से कम 45 मिनट टहलें
इससे बचाव का सबसे आसान तरीका है कि रोज कम से कम 45 मिनट टहलें। इससे फैटी लिवर के साथ अन्य बीमारियां भी दूर रहती हैं। उक्त जानकारी पेट एवं लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ़ संजय कु़मार सोमानी ने दी। वह हेपेटाइटिस की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। डॉ़ संजय ने बताया कि हेपेटाइटिस से बचाव के लिए बच्चों को समय पर टीका लगवाएं। लिवर से जुड़ी समस्या होने पर अनदेखा न करें और तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर ने यह भी बताया
डॉ़ संजय कुमार सोमानी ने बताया कि यूपी में हेपेटाइटिस बी के लगभग 80 लाख और हेपेटाइटिस सी के 25 लाख मरीज हैं। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी के लक्षणों को आसानी से पकड़ा नहीं जा सकता है। पैरों में सूजन, उल्टी का अहसास, थकान महसूस होना इसके प्राथमिक लक्षण हैं। धीरे-धीरे ये सिरोसिस बन जाता है और लिवर पूरी तरह खराब हो जाता है। इसके बाद ट्रांसप्लांट के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रह जाता। इससे बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाएं, दूसरों का टूथब्रश, सेविंग ब्लेड, आदि का प्रयोग न करें। https://www.kanvkanv.com
हेल्थ
विशेषज्ञों ने जताई चिंता, जानें क्यों आसानी से ठीक नहीं हो रहे दाद-खाज-खुजली

प्रचलित मलहम का इस्तेमाल
सिर्फ दो दवाएं ही असरदार
घरेलू उपाय से बचाव संभव
72 फीसदी लोग स्टेरॉयड युक्त मलहम लगा रहे
हेल्थ
ज्यादा नींद आना हाईपरसोम्निया के हैं संकेत, जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीके

जीवन की गुणवत्ता होती है प्रभावित
दो तरह के स्लीप डिसॉर्डर
इन लक्षणों से पहचानें
कारण
- स्लीप डिसॉर्डर नैक्रोप्लास्टी (दिन में उनींदापन महसूस करना) और स्लीप एप्निया (रात में नींद में सांस रुक जाना)।
- लगातार कई रातों तक नींद पूरी न हो पाना। शिफ्ट जॉब में काम करना
- मोटापा और शारीरिक सक्रियता की कमी
- नशीली दवाओं व शराब का सेवन
- कैफीन का अधिक मात्रा में सेवन
- सिर में चोट लग जाना या कोई न्यूरोलॉजिकल समस्या
- कुछ दवाओं का असर
- आनुवंशिक कारण
- कई मानसिक और शारीरिक समस्याएं जैसे अवसाद, हाइपो-थाइरॉएडिज्म और किडनी संबंधी रोग।
जांच व उपचार
क्या होता है नुकसान
कैसे बचें
- नियत समय पर सोएं।
- आठ घंटे से अधिक न सोएं।
- नियमित व्यायाम करें।
- एल्कोहल व कैफीन का सेवन कम करें।
- पौष्टिक खाना खाएं।
- योग और ध्यान करें।
- गैजेट्स का इस्तेमाल कम करें। https://www.kanvkanv.com
हेल्थ
योग : अपनी दिनचर्या में शामिल करें ये तीन आसन, मोटापा से मिलेगी मुक्ति

नई दिल्ली। मोटापा आज के समय में सबसे बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रही है। मोटापा कम करने के लिए लोग लाख जतन करते हैं। पेट, कमर और जांघ पर जमी फैट से लोग अक्सर परेशान रहते हैं। अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। योग के कुछ आसन से आप मोटापा से मुक्ति पा सकते हैं। बस योग के तीन आसन आपको करने होंगे। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कौन-कौन से आसन हैं। ये अद्र्धहलासन, पाद वृत्तासन और द्विचक्रिकासन हैं।
अर्धहलासन
इस आसन को करने के लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। हथेलियां जमीन की ओर रहेंगी और जांधों के बगल में रहेंगी। ध्यान रखें उन्हें पैरों के नीचे न दबाएं।
पैरों को आपस में मिला लें और धीरे-धीरे उठाते हुए नब्बे डिग्री तक ले आएं। सांस की गति सामान्य रखें और इसी तरह से कुछ देर तक ठहरने का अभ्यास करें। इसे बढ़ाकर तीन मिनट तक ले जा सकते हैं।
हाथों से ताकत न लें कमर और पेट की ताकत का इस्तेमाल करें। यान रहे सांस की गति सामान्य रहेगी क्योंकि अगर आप बीच-बीच में सांस रोकते रहेंगे तो आपके पैर डगमगाने लगेंगे।
अर्ध हलासन के फायदे
मोटापा कम करने के अलावा इस आसन के नियमित अभ्यास से पुरानी कब्ज की समस्या ठीक होती है। गैस की दिक्कत में भी आराम मिलता है। नाभि खिसकने की अवस्था में 2-3 मिनट तक इस आसन को करने चाहिए, नाभि अपनी जगह बैठ जाती है। इस आसन के नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी और भीतर की मसल्स ताकतवर बनती हैं।
पाद वृतासन
कमर के बल सीधे लेट जाएं, दोनों पैर आपस में मिले हुए व हथेलियों को जंघाओं के नीचे जमीन पर रख लें। धीरे से बाएं पैर को ऊपर की तरफ उठाएं व पैर को अधिक से अधिक गोलाकार चक्र में घुमाएं अर्थात पैर से बड़े से बड़ा वृत्त बनाने का प्रयास करें। पैरों को एक बार क्लॉक वाइस और एंटी क्लॉक वाइस 8-10 बार घुमाएं।
कुछ देर रुककर आराम करें, फिर दाएं पैर से उतनी ही बार इस आसन को करें। पैर घुमाने के बाद पैर को नीचे ले आएं और आराम करें। दोनों पैरों से तीन-तीन बार इसका अभ्यास कर लें।
पाद वृतासन के फायदे
पाद वृतासन मोटापा कम करने में काफी अहम रोल होता है। इससे जंघा, नितम्ब, पेट व कमर की मांशपेशियों पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जिससे की अनावश्यक चर्बी दूर होने लगती है। यह आसन शरीर को सुडौल बनाने में मदद करता है, पैरों में दर्द, थकान, कमजोरी व वैरिकोज वेन्स से जुड़ी शिकायत को दूर करने वाला है। हृदय व फेफड़ों को भी इस आसन से बहुत ही बल मिलता है।
द्विचक्रिकासन
पीठ के बल लेट कर हाथेलियों को नितंब के नीचे रखें, सांस रोककर एक पैर को पूरा ऊपर उठाकर साइकल चलाने की तरह घुमाएं। इस आसान को 10 की संख्या तक करने से शुरुआत करें। धीरे-धीरे इसे बढाकर यथा शक्ति करे।
इसी प्रकार दूसरे पैर से इस क्रिया को करें। थक जाने पर विश्राम करें। इसी अभ्यास को अगली स्थिति में दोनों पैरों को निरंतर साइकिल की तरह चलाएं। सांस भरकर पैर उसी तरह चलाएं जैसे साईकिल पर बैठकर चलाते हैं। इस आसन में पैरों को सभी स्थितियों में क्लॉक वाइस और एंटी क्लॉक वाइस साईकिल की तरह चलाएं।
द्विचक्रिकासन के फायदे
मोटापा घटने के लिए यह सर्वोत्तम अभ्यास है। इसका नियमित 5-10 मिनिट अभ्यास करने से बढ़े पेट सुडोल बनता है। इसे करने से कब्ज, मंदाग्नि, अम्लपित्त की निवृति करता है। कमर दर्द हो तो इस आसन को एक-एक पैर से ही करने पर कमर दर्द में लाभ मिलता है। https://www.kanvkanv.com
-
वीडियो1 day ago
शहीद मेजर विभूति की शादी का वीडियो हुआ वायरल, पत्नी के साथ ऐसे मनाई थी खुशियां, आप भी देखें
-
देश2 days ago
ये ही हैं दोनों जैश के आतंकी, जिसे आज यूपी ATS ने किया गिरफ्तार, जानें क्या था इनका पूरा प्लान
-
देश12 hours ago
PCS परीक्षा-2016 का रिजल्ट घोषित, कानपुर की जयजीत कौर फर्स्ट, टॉपर्स में ये 10 नाम
-
राज्य2 days ago
सीएम योगी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और पीआरडी जवानों को दिया तोहफा, इन फैसलों पर भी लगी मुहर
-
देश16 hours ago
घाटी में हाई अलर्ट : सीमा पर हलचल तेज, अलगाववादियों पर शिकंजा, बढ़ाई गई फोर्स
-
दुनिया1 day ago
पाक को एक और झटका, 200 दिनों में नहीं की कार्रवाई तो ‘ब्लैक लिस्ट’ में डाल देगा FATF, जानें क्या है ये
-
खेल2 days ago
धाकड़ बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने विराट कोहली और रोहित शर्मा को भी छोड़ा पीछे, बना डाला ये रिकॉर्ड
-
राज्य1 day ago
राम मंदिर का रास्ता जरूर निकेलगा, नामुमकिन को मुमकिन में बदलने का नाम ही नरेंद्र मोदी : योगी