काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अब फिर से एयरपोर्ट शुरू होने वाली है। ऐसे में तालिबान ने यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) के साथ डील की है। तालिबान के ट्रांसपोर्ट एंड सिविल एविएशन डिप्टी मिनिस्टर गुलाम जेलानी वफा ने मंगलवार को यह डील साइन की। इस दौरान अफगानिस्तान के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर भी मौजूद थे।
डील के तहत अबूधाबी की कंपनी GAAC कार्पोरेशन हेरात, काबुल और कंधार के एयरपोर्ट्स का मैनेजमेंट संभालेगी। एयरपोर्ट के संचालन के लिए तालिबान ने यूएई, तुर्की और कतर के साथ महीनों बातचीत की, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। डील के दौरान मुल्ला बरादर ने कहा- देश की सुरक्षा मजबूत है और इस्लामिक अमीरात (तालिबान ने अफगानिस्तान का यही नाम रखा है) विदेशी निवेशकों के साथ काम करने को तैयार है। बरादर ने कहा- इस समझौते के साथ सभी विदेशी एयरलाइन अफगानिस्तान में सुरक्षित उड़ानें शुरू कर कर सकेंगी।
सिविल एविएशन मिनिस्टर गुलाम जेलानी वफा ने कहा- GAAC कार्पोरेशन एक मल्टीनेशनल कंपनी है, जो यूएई में फ्लाइट सर्विसेस मुहैया कराती है। जब हमारे यहां हालात ठीक नहीं थे, तब यूएई ने तकनीकी सहायता दी थी और मुफ्त में टर्मिनल की रिपेयरिंग की। इस डील पर सवाल भी उठ रहे हैं, क्योंकि कतर और तुर्की पहले से ही एयरपोर्ट के ऑपरेशन की डील हासिल करने की लाइन में थे। दिसंबर 2021 में तुर्की और कतर की कंपनियों ने काबुल एयरपोर्ट सहित यहां के बाल्ख , हेरात, कंधार और खोस्त प्रांत के एयरपोर्ट के संचालन के लिए एक समझौता किया था। बता दें कि तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता अपने हाथ में ले ली।